लेख
गीताप्रेस और गीता प्रकाशन की पुस्तकों से लिए गए सेठजी श्रीजयदयालजी गोयन्दका, भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार और स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज के कुछ महत्वपूर्ण लेख।
विषय सूची —
- गृहस्थमें कैसे रहें ?
- गृहस्थ-धर्म
- गृहस्थ में व्यवहार
- बालक-सम्बन्धी बातें
- सन्तानका कर्तव्य
- स्त्री-सम्बन्धी बातें
- महापापसे बचो
- लड़ाई-झगड़ेका समाधान
- गीतामें आहारीका वर्णन
- श्रीमद्भगवद्गीताका प्रभाव
- ध्यानसहित नाम-जपकी महिमा
- भगवद्दर्शनकी उत्कण्ठा
- रामायणमें आदर्श भ्रातृ-प्रेम
- ईश्वर-तत्त्व
- कुन्तीदेवी
- मन्त्रिश्रेष्ठ संजय
- सार बातें
- निराकार-साकार-तत्त्व
- वाल्मीकीय रामायणकी महिमा
- सत्यकी शरणसे मुक्ति
- शोकनाशके उपाय
- श्रीप्रेम-भक्ति-प्रकाश
- दिनचर्याका सुधार
- समाधियोग
- चित्त-निरोधके उपाय
- जीव-सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
- गीताके अनुसार जीवन्मुक्तका लक्षण
- कर्मयोगका रहस्य
- ब्रह्मपुराणपर एक विहङ्गम-दृष्टि
- गीतोक्त संन्यास या सांख्ययोग
- गीताके अनुसार स्थितप्रज्ञ, भक्त और गुणातीतके लक्षण तथा आचरण
- गीता और योगदर्शन
- त्यागसे भगवत्-प्राप्ति
- गीता मायावाद मानती है या परिणामवाद?
- छ: प्रकारकी महत्त्वपूर्ण चार-चार बातें
- गीतोक्त क्षर, अक्षर और पुरुषोत्तम
- श्रीमद्भगवद्गीताका तात्त्विक विवेचन
- गीतामें भक्ति
- शरणागतिका स्वरूप और फल
- मनुष्य कर्म करनेमें स्वतन्त्र है या परतन्त्र?
- मर्यादा-पुरुषोत्तम श्रीराम
- कुछ धारण करनेयोग्य अमूल्य बातें
- ईश्वर और परलोक
- जीवनका रहस्य
- मांस-भक्षण-निषेध
- पद्मपुराणकी महिमा
- गीताका उपदेश
- सर्वोच्च ध्येय
- प्रेमसे ही परमात्मा मिल सकते हैं
- तेईस प्रश्न
- अवतारका सिद्धान्त
- सांख्ययोग और कर्मयोग
- कर्मयोगकी सुगमता
- धर्मसे लाभ और अधर्मसे हानि
- मनन करनेयोग्य
- आचरण करने योग्य पचीस बातें
- वैराग्य-चर्चा
- मान-बड़ाईका त्याग
- कर्मका रहस्य
- वैराग्य
- मैं कौन हूँ और मेरा क्या कर्तव्य है?
- विद्या, अविद्या और सम्भूति, असम्भूतिका तत्त्व
- मनुष्य-जीवनका अमूल्य समय
- समयका सदुपयोग
- महात्मा किसे कहते हैं?
- व्यापारसुधारकी आवश्यकता
- शीघ्र कल्याण कैसे हो?
- गीतोक्त दिव्यदृष्टि
- प्रश्नोत्तर
- सर्वोपयोगी प्रश्न
- विषयसुखकी असारता
- पशु-धन
- जीवन-सुधार
- आदर्श भक्त हनुमान्
- सच्चा सुख और उसकी प्राप्तिके उपाय
- भगवद्भक्तोंका प्रभाव
- समयकी सार्थकता
- भगवान् के शीघ्र मिलनेमें भाव ही प्रधान साधन है
- संसार-वाटिका
- गीताकी सर्वप्रियता
- ध्यानावस्थामें प्रभुसे वार्तालाप
- निर्गुण-निराकारका ध्यान
- शरणागति
- योगक्षेमका वहन
- भगवान् अवतार कब लेते हैं?
- आत्मोद्धारविषयक प्रश्नोत्तर
- समता अमृत और विषमता विष है
- तीर्थोंमें पालन करने योग्य कुछ उपयोगी बातें
- ज्ञानयोगके अनुसार विविध साधन
- कुछ उपयोगी साधन
- शंका-समाधान
- साधनसम्बन्धी प्रश्नोत्तर
- श्रीमद्भागवतमें विशुद्ध भक्ति
- ध्यान-साधन
- प्रेम-साधन
- महात्मा भीष्मपितामह
- दीपावलीपर चेतावनी
- भगवान् के दर्शन प्रत्यक्ष हो सकते हैं
- परमानन्दकी खेती
- प्राचीन तथा आधुनिक संस्कृति
- कल्याणका तत्त्व
- अमृत-कण
- हमारा लक्ष्य और कर्तव्य
- कल्याणप्राप्तिकी कई युक्तियाँ
- साधनकी तीव्रता
- परमार्थ-प्रश्नोत्तरी
- निर्गुण-निराकार ब्रह्मकी उपासना
- भावनाशक्ति
- चद्दरसे ज्ञान-वैराग्य आदिकी शिक्षा
- नामकी अनन्त महिमा
- कल्याण-प्राप्तिके उपाय
- परलोक और पुनर्जन्म
- महात्मा विदुर
- भगवान् वेदव्यास
- वीरवर अर्जुन
- धर्मराज युधिष्ठिर
- भगवत्कृपा
- परमात्माके ज्ञानसे परम शान्ति
- भगवान् की शरणसे परमपदकी प्राप्ति
- गीताका रहस्य
- गो-महिमा और गोरक्षाकी आवश्यकता
- ज्ञानीकी अनिर्वचनीय स्थिति
- ईश्वर और धर्ममें विश्वासकी आवश्यकता
- परमानन्दकी प्राप्तिके लिये साधनकी आवश्यकता
- देश-काल-तत्त्व
- भगवन्नामका मूल्य
- ईश्वर-साक्षात्कारके लिये नामजप सर्वोपरि साधन है
- शिव-तत्त्व
- शक्तिका रहस्य
- तत्त्व-विचार
- त्रिविध तप
- प्रत्यक्ष भगवद्दर्शनके उपाय
- आत्माके सम्बन्धमें कुछ प्रश्नोत्तर
- पारमार्थिक दृष्टिसे मनुष्योंकी विभिन्न श्रेणियाँ
- काम करते हुए भगवत्-प्राप्तिकी साधना
- भ्रम अनादि और सान्त है
- मृत्यु-समयके उपचार
- भगवदाश्रयसे लोक-परलोकका कल्याण
- ज्ञानकी दुर्लभता
- संत-महिमा
- धर्म-तत्त्व
- भगवच्चिन्तनका प्रभाव
- कुछ साधनसम्बन्धी बातें
- श्रद्धा-विश्वास और प्रेम
- निष्कामभावकी महत्ता
- भगवान् क्या हैं?
- अनन्य प्रेम ही भक्ति है
- उपासनाका तत्त्व
- मनुष्यका कर्तव्य
- परमात्माकी प्राप्तिके उपाय
- गीतामें भगवान्की उदारता
- गीतामें भगवान्की न्यायकारिता और दयालुता
- गीतामें भगवान्का विविध रूपोंमें प्रकट होना
- गीतामें धर्म
- गीतामें सनातनधर्म
- गीतामें ज्योतिष
- गीताके प्रत्येक अध्यायका तात्पर्य
- गीता-सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
- गीतामें ईश्वरवाद
- गीतामें श्रीकृष्णकी भगवत्ता
- गीतामें अवतारवाद
- गीतामें मूर्तिपूजा
- गीतामें भगवन्नाम
- गीतामें फलसहित विविध उपासनाओंका वर्णन
- स्वास्थ्यके लिये
- सम्मानके लिये
- सुख-शान्तिके लिये
- आवश्यक शिक्षा
- सन्तान का कर्तव्य
- आहार-शुद्धि