उद्धरण
महापुरुषों की अमृतमयी वाणी से चुने हुए कुछ अनमोल बिंदु। विविध विषयोंसे सम्बन्धित ये सार बातें सबके लिये उपयोगी हैं और सब समयमें उपयोगी हैं। न जाने किस समय कौन-सी बात किसकी जीवन-धाराको पलट दे? किसकी हृदय ग्रन्थिका भेदन कर दे? किसकी उलझनका छेदन कर दे? किसकी चिन्ता, शोक, अशान्तिका निवारण कर दे? एक-एक बिन्दु अपने भीतर एक अथाह सागर समेटे हुए है।
विषय सूची —
- ईश्वर
- सगुण-निर्गुण
- ईश्वरकी प्राप्ति
- ईश्वरका धाम (परमधाम)
- ईश्वरमें अपनापन
- ईश्वरका स्मरण
- अभिमान
- स्वार्थ और अभिमान
- अहम्
- आज्ञा-पालन
- आस्तिकता - नास्तिकता
- उत्थान और पतन
- उद्देश्य
- ऋण (कर्जा)
- एकता
- एकान्त
- कर्तव्य-कर्म
- कर्मयोग
- कलियुग
- कामना
- काल (भूत-भविष्य - वर्तमान)
- कृपा
- क्षमा
- गुरु-शिष्य
- चुप-साधन
- चुप-साधन - 'करना' और 'न करना'
- जानना और मानना
- जीवन्मुक्त महापुरुष
- जीवन्मुक्ति
- ज्ञान (तत्त्वज्ञान)
- ज्ञानमार्ग
- तीर्थ-स्थान
- त्याग
- दान
- दोष
- दोष - 'राग-द्वेष'
- दोष - 'काम-क्रोध'
- दोषदृष्टि
- धन
- धर्म
- ध्यान और समाधि
- नामजप
- नामजप - कीर्तन
- परिस्थिति
- पाप-पुण्य
- पुनर्जन्म
- प्रारब्ध
- प्रार्थना और पुकार
- प्रार्थना और पुकार - 'हे नाथ।' पुकारकी महिमा
- प्रेम
- प्रेम - रासलीला
- बड़प्पन
- बन्धन
- बल (सामर्थ्य)
- बुराई
- भक्त
- भक्तिमार्ग
- भय
- भारतवर्ष
- भोग
- मत और सम्प्रदाय
- मन
- मनुष्य
- ममता
- मुक्ति (कल्याण)
- मृत्यु
- योग
- योग - कर्मयोग - ज्ञानयोग- भक्तियोग
- राजनीति
- लेना और देना
- वक्ता-श्रोता
- वस्तु
- वासुदेवः सर्वम् (सब कुछ भगवान् ही हैं)
- विवेक
- विश्वास
- वैराग्य
- व्यसन
- शरणागति
- शरीर
- शान्ति
- शास्त्र
- शिक्षा
- संकल्प
- संसार
- सत्-असत्
- सत्संग और कुसंग
- सदुपयोग-दुरुपयोग
- सन्त-महात्मा
- सन्त-महात्मा-साधु
- समता
- समाज
- सम्बन्ध
- साधक
- साधन
- साधन - क्रिया और भाव
- सुख-दुःख
- सृष्टि रचना
- सेवा
- स्वतन्त्रता- परतन्त्रता
- स्वभाव
- स्वरूप (स्वयं)
- हिन्दूधर्म
- 'है' (चिन्मय सत्तामात्र)
- अज्ञान
- इतिहास
- खण्डन - मण्डन
- जड़-चेतन
- विधि-निषेध
- सन्तोष
- विविध