Seeker of Truth

विधि-निषेध

विधिकी अपेक्षा भी निषेधका ज्यादा आदर करना चाहिये। विधिकी कमी तो माफ हो जायगी, पर निषेध माफ नहीं होगा।

सत्संगके फूल ७५··

क्रिया करनेमें तो विधि करना है, निषिद्ध नहीं करना है। परन्तु भीतरमें विधि और निषेध दोनोंसे उदासीन रहो ; क्योंकि विधि और निषेध दोनों दीखते हैं किसी प्रकाशमें उस प्रकाशका सम्बन्ध न विधिके साथ है और न निषेधके साथ है।

साधन-सुधा-सिन्धु २९··

निषिद्धका त्याग करनेसे विहित स्वतः होगा। पर विहित करनेसे निषिद्धका त्याग स्वतः नहीं होगा। थोड़ा त्याग होगा, विशेष नहीं। इसलिये निषिद्धके त्यागका लक्ष्य रहना चाहिये।

स्वातिकी बूँदें १७७··