पैड संख्या ११३
विषय सूची —
- जीते-जी मुर्दा बन जावे वही जीवन्मुक्त है
- अपने सिरपर भगवान् का हाथ है
- क्रोध शान्त होनेका उपाय, शान्तिके वचन
- त्याग, वैराग्य, उपरामता जितनी हो उतनी ही शोभा है
- संसारसे उपरामता ही असली त्याग है, उस पार झाड़ियोंमें विरक्तसंतोंकी बातें
- जो भगवान् के नामका जप और ध्यान करता है उसे भगवान् स्वयं आकर दर्शन देते हैं
- ऐसी मनमें आती है कि फूसकी झोपड़ीमें थोड़े दिनके लिये हम भी रहें
- झूठ कपटका व्यापार नरक देनेवाला और सत्यतापूर्वक व्यापार कल्याण करनेवाला है
- वटवृक्ष स्थानकी विशेषता एवं अनुभवकी बातें
- सत्संगकी महत्त्वपूर्ण कीमती बातें
- भगवन्नामकी महिमा