Seeker of Truth
॥ श्रीहरिः ॥

त्याग करने योग्य बातें

प्रवचन सं. २२

निम्नलिखित बातोंका त्याग करना चाहिये-

१. शौकीनाई (फैशन) करनेका त्याग (यानी कि नये-नये गहने, कपड़ों आदि में प्रीति करनेका त्याग)।

२. ताना मारनेका त्याग (अर्थात् व्यंग्य वचन बोलनेका त्याग)।

३. अपनी बड़ाई स्वयं करनेका त्याग (स्वयंकी बड़ाई करनेवालेकी त्रिशंकु की तरह दशा हो जाती है, यानी उसका पुण्य समाप्त हो जाता है)।

४. मूर्खताका त्याग।

५. असभ्यताका त्याग (यानी लज्जा वाली चीजोंका नाम लेनेका त्याग)।

६. हँसी, मसखरी (मजाक) करनेका त्याग।

७. झूठ बोलनेका त्याग।

८. महात्मा, ईश्वर आदि से सांसारिक कामना करनेका त्याग।

९. कामसे जी चुरानेका त्याग।

१०. सबके हितका बर्ताव- ऐसा स्वभाव नहीं होनेका त्याग।

इन उपर्युक्त बातोंका त्याग करनेके अतिरिक्त निम्नलिखित बातें भी त्याग करने योग्य हैं-

१. काम का त्याग।

२. क्रोध का त्याग।

३. लोभ का त्याग।

४. मोह एवं मूर्खता का त्याग।

५. अहंकार का त्याग ।

६. मत्सरता का त्याग।

७. दूसरों की निन्दा करने का त्याग।

८. कपट करने का त्याग।

९. पर-पुरुषसे अथवा पर-स्त्रीसे व्यभिचारका त्याग (मनसे भी व्यभिचार का त्याग)।

१०. संग्रह करनेका त्याग।

११. दूसरों को कष्ट देनेका त्याग।

१२. भूत-पिशाच आदि के भय का त्याग।

१३. अपवित्रता का त्याग ।

उपरोक्त सभी बातों का त्याग करना चाहिये।

नारायण नारायण नारायण श्रीमन्नारायण नारायण नारायण…