Seeker of Truth
॥ श्रीहरिः ॥

हर वक्त निष्कामभाव से भगवान् को याद रखने की विशेष चेष्टा करनी चाहिए

प्रवचन सं. ४१
दि. २६-१२-१९५६, रात्रि में १० बजे

आलस्य के कारण काम खराब हो रहा है। जितनी ताकत है, उतना पूरा परिश्रम करके काम करना चाहिए। न समय की, न मन की, न बुद्धि की कमी रखे; टाइम अधिक-से-अधिक लगाए; शक्ति के अनुसार पूरी चेष्टा करे। निष्कामभाव का ज्यादा खयाल रखे। निजी काम में बिल्कुल भी सम्बन्ध नहीं रखे। जगह लेकर मकान बनाने में अपना समय नहीं लगाना चाहिए। हर वख्त निष्कामभाव से भगवान् को याद रखने की विशेष चेष्टा करनी चाहिए। इन सब काम में आत्मबल लगावें। स्त्री, पुरुष, धन आदि से वियोग निश्चित है।

परमात्मा की प्राप्ति में विलम्ब का कारण आलस्य है। नित्यकर्म को दामी बनाना चाहिए- निष्कामभाव से, श्रद्धापूर्वक, अर्थ-भाव समझकर करना चाहिये।

सोते समय ऊँचे-से-ऊँचा भाव करके सोए।

आज यदि मरें, तो आज तक का जो साधन किया हुआ है. वही असली पूँजी है।

अपना व्यवहार ऐसा उच्चकोटि का होवे कि दूसरा आदमी अपने व्यवहार को लेकर कोई दोष नहीं देखे।

कानून के विरुद्ध कोई काम नहीं किया जावे।